यह कविता पोवारी बोली में है, जो एक हिंदी की उपभाषा है. यह कविता पोवारी बोली में है, जो एक हिंदी की उपभाषा है.
नयन फिराय नज़र मिलाय मथनी में हाथ दें, चुनरी पकर खींचें रोकें टोकें बांसुरी सुना नयन फिराय नज़र मिलाय मथनी में हाथ दें, चुनरी पकर खींचें रोकें टोकें बां...