शेखर का कहीं कोई अता पता नहीं था। अब उसकी मां का दिल थोड़ा घबराने लगा था। घर को ताला लग शेखर का कहीं कोई अता पता नहीं था। अब उसकी मां का दिल थोड़ा घबराने लगा था। घर को ...
कवि ऐसी कविता रच दो तुम, जीवन में आनंद भर जाए। कवि ऐसी कविता रच दो तुम, जीवन में आनंद भर जाए।
विलीन हो गई ज्योति उस परम पुंज में सबका सुधार पोषण और हित कर।। विलीन हो गई ज्योति उस परम पुंज में सबका सुधार पोषण और हित कर।।
नाउम्मीदी थी दिल में अब आहिस्ता आहिस्ता फिर कुछ उम्मीद सी जग रही है । नाउम्मीदी थी दिल में अब आहिस्ता आहिस्ता फिर कुछ उम्मीद सी जग रही है ...
सबके लिए शिक्षा एक समान हे गुरूवर हम सब मिलकर करते तुम्हें प्रणाम। सबके लिए शिक्षा एक समान हे गुरूवर हम सब मिलकर करते तुम्हें प्रणाम।
दिख रहा प्रकाश पुंज सफलता का, लगता है मिल गया पाथ मुझे मंजिल का। दिख रहा प्रकाश पुंज सफलता का, लगता है मिल गया पाथ मुझे मंजिल का।