मतदाता भाग्य विधाता**********
मतदाता भाग्य विधाता**********
हे! मतदाता आप हैं राष्ट्र के भाग्य विधाता।
आपके चाहने से किसी को मिलती है सत्ता
प्रजातंत्र में मिला है अधिकार अलबत्ता।
हे! मतदाता आप हैं राष्ट्र के भाग्य विधाता।
अपने आपको न समझें साधारण जनता।
आपके अंदर बहुत बड़ी है जागरूकता।
तभी तो आपके वोट से बनते राष्ट्र निर्माता।
हे! मतदाता आप हैं राष्ट्र के भाग्य विधाता।
आपके अंदर तो छिपी है असीम क्षमता।
आपके चाहने से मिलती है बार-बार सत्ता।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर समर्पित ये कविता।
हे! मतदाता आप हैं राष्ट्र के भाग्य विधाता।