क्योंकि लोकतंत्र की जिम्मेदारी हमारी है। क्योंकि लोकतंत्र की जिम्मेदारी हमारी है।
कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ? कौन कहता है... लोकतंत्र खतरे में है ?
मतदाता कोई भी हो मतदान देश के लिये हो । जाति, धर्म का भेद मिटाकर रोशन अपना देश हो । मतदाता कोई भी हो मतदान देश के लिये हो । जाति, धर्म का भेद मिटाकर रो...
यही हाल रहा तो क्या हम भारतवर्ष को फिर से सोने कि चिड़िया बना पायेंगे ? यही हाल रहा तो क्या हम भारतवर्ष को फिर से सोने कि चिड़िया बना पायेंगे ?
वरना खुल जाएगा गुंडों का व्यापार तुम्हारी बस्ती में सोच समझकर अपने मत का करना तुम उपयो वरना खुल जाएगा गुंडों का व्यापार तुम्हारी बस्ती में सोच समझकर अपने मत का करना...
सुक्खी बाबू!सोचो जरा, कितने काले धन संचित हैं। सुक्खी बाबू!सोचो जरा, कितने काले धन संचित हैं।