मत छूना
मत छूना
मत छूना
रूह से भी
कभी मेरी रूह को
इस जन्म में
मैं अमानत हूँ
किसी और की
तेरा प्यार नहीं
गैर हूँ तेरे लिए
मेरी पाकीजा रूह
तेरे रूहानी प्रेम के
लिए नहीं बनी
इस जन्म तो
रूह की क़ैद से
आजाद करो
फिर किसी जनम में
शायद तेरे रूहानी
प्रेम की ताकत
मेरी रूह को पुकारे
और हमारी रूहें
उस जन्म में
अपने रूहानी प्रेम की
प्यास बुझायें
उस पल तक
प्रतीक्षा करो
और तब तक
मत छूना
रूह से भी कभी
मेरी रूह को