मत भागो,,,,,,
मत भागो,,,,,,
मत भागो धन के पीछे
मानव, मतवाले
ये प्रकृति का सृजन नहीं
मानव उत्पत्ति
ना संतोष ना तृप्ति
मोह लालच सर्वदा वृष्टि
भाग दोड पैसा
व्यर्थ सदा
पैसा धन कुछ भी कहो
दौड सदा अनर्थ यहाँ ।
Prompt-11
