मस्ती भरा हो सावन
मस्ती भरा हो सावन
बारिश में थामे हम हाथ-हाथ
करते रहे मन की बात-बात।
मैं डाली पर, हो तुम पात-पात
मस्ती भरा हो सावन साथ-साथ।
रहे एक दूसरे के पास-पास
मन में लिये प्यार की प्यास-प्यास।
आज मिलन हो यही आस-आस
मस्ती भरा हो सावन खास-खास।
पानी की बून्दों से भीगे गाल-गाल
झटकती जो अपने बाल-बाल।
मेरे मन पर डाले जाल-जाल
मस्ती भरा हो सावन बेहाल हाल।
बारिश की बून्दों से हैं जागे-जागे
मन को बान्धे प्यार के धागे-धागे।
मिले ऐसे जैसे घर से भागे-भागे
मस्ती भरा हो सावन आगे-आगे।।