मशवरा
मशवरा
सही था या ग़लत,
क्या फ़र्क पड़ता है!
गुज़र चुका वक़्त
कभी नहीं पलटता है
ज़ेहन इस बात को
हालाँकि समझता है
मगर तुम्हारा ख़याल
मन में उमड़ता है,
और दिल आज तक
तेरे ही लिए धड़कता है!
चलो ना ऐसा करते हैं
फिर से साथ चलते हैं !!
सही था या ग़लत,
क्या फ़र्क पड़ता है!
गुज़र चुका वक़्त
कभी नहीं पलटता है
ज़ेहन इस बात को
हालाँकि समझता है
मगर तुम्हारा ख़याल
मन में उमड़ता है,
और दिल आज तक
तेरे ही लिए धड़कता है!
चलो ना ऐसा करते हैं
फिर से साथ चलते हैं !!