मरहम
मरहम


देता है दर्द हमें जो, वो दवा भी देगा,
क्यों करते हो चिन्ता जख्म की,वोही मरहम भी देगा।
साथी है सब का वो खुदा,
फिर किस बात की करते हो चिंता,
कौन सी राह है तेरी सब बता देगा।
भले वो दिखाई नहीं देता हमें,
पर यकीं है,करिश्मा तो दिखा देगा।
जो दुख आया वो भी चला जायेगा,न गया खुद
तो खुदा मिटा देगा।
यकीं कर सुदर्शन उस पर
जो दिखाई नहीं देता,
भरोसा रख कभी धोखा नहीं देगा।
मत छोड बंदगी खुदा की,यही है गुजारिश मेरी,
करोगे बंदगी दिल से,झोली वो तेरी भर देगा।
छोड धोखा,फरेव,लालच सब,
नेकी, वदी,रहमत
तेरी सब देख लेगा,
आखिर एक एक कर्म तेरे का हिसाब वो देगा।
माना सच्चाई की राह,
होती है लम्वी, हिसाब
झूठ का भी वो जरूर लेगा
,तेरे किये की सजा तुझे जरुर वो देगा।
कर्म करता चल,फल की मत सोच तू ऐ बन्दे,
जैसा कर्म बैसा फल जरूर वो देगा।