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Mukul Kumar Singh

Inspirational

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Mukul Kumar Singh

Inspirational

बन जा फौजी

बन जा फौजी

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 चाहते हो कुछ करना तो देश के लिए अपनी मातृभूमि के लिए करो,

जीवन में पैसा ही सब कुछ नहीं देश के अपने स्वाभिमान के लिए करो। 

 साक्षी बनना चाहते हो इतिहास के पन्ने में तो सैनिक जन्मभूमि के बनो,

लाडला तो हर कोई बनता है अपनी मां का

परन्तु सच्चा सपूत विरले ही बनता है मां भारती का।

जीवन हर कोई जी लेता है भले ही चोर हो एक डाकू हो

लेकिन एक फौजी घर परिवार से दूर केसरिया बाना पहन त्यागी होता है।

 हमारा समाज फिल्म में नायक को देख सीटियां बजाते हैं उसका नकल उतारा करते हैं  

जबकि फौजी का नकल करना आसान नहीं है,

जब वक्त आता है तो सिने चरित्र विदेशी भाषा में इन्टरव्यू देकर

भारतीय संस्कृति का अपमान किया करते हैं।


इसी से कहता हूं यदि जीवन में कुछ करना है तो एक फौजी बनो,

कम से कम देश के स्वाभिमान रक्षा के लिए बन्दुक हाथ में लिए आगे बढ़ो।

वीर चक्र, महावीर, परमवीर वीर, तुझे पुकारती

उज्ज्वल नील गगन में तिरंगा तुझे निहारती। 

तेरी ही वह दहाड़ होगी शत्रु के हृद-स्पंदन को रोक देगी, 

निरस्त्र होकर भी चालीस के सामने चार सौ बेकार होगी।

इसी से कहता हूं यदि जीवन में कुछ बनना है तो एक फौजी बनो,

रजताभ हिमवंत से हिन्द जलधी की सम्पर्क छिन्न-भिन्न, स्वर्नाभ थार से माणिक्य क्षेत्र जल रही, 

राजनीतिक स्वार्थ से भाषा - ईश आराधना धधक रही।

फौज हीं आदर्श है ऐक्यमाल को पिरो रही।


जब तक सांस है भारतीयता की आस है राष्ट्रीयता की गान गाने वाले हैं मजदूर व किसान जिनके

आंगन में किलकारियां तुमने भरी 

नई उमंग से ओतप्रोत तुम्हारी यह जवानियां, आगे बढ़ो मां भारती तुझे पुकारती 

पूर्वजों का रक्त तेरी धमनियों में दौड़ती।

इसी से कह रहा हूं जीवन में यदि कुछ करना है तो एक सैनिक बनो, एक सिपाही बनो।


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