STORYMIRROR

Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Children

3  

Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Children

मोरी नातीन यामिनी...

मोरी नातीन यामिनी...

1 min
197

दुय हजार नवको

शिवजयंतीको दिन।

सण येव मनावन

होता सपाई तल्लीन।।१।।


धन्य भयो टेकराम

खुश भयी थामेश्वरी।

आयी घरमा उनको

एक नहानसी परी।।२।।


भया होता सब खुश

देख या गुड़िया रानी।

मंग सपाई मिलके

नांव ठेईन यामिनी।।३।।


मोरी लाड़की नातीन

बड़ी से या भोलीभाली।

कसे डॉक्टर बनून

सेवालाई मतवाली।।४।।


माय बापकी लाड़ली

पुर्ण करे अभिलाषा।

देये उजारो सबला

दुयी घरकी वा आशा।।५।।


माय बापको तू नांव

उचो कर निर्विवाद।

येनं जन्मदिन पर

मोरो तोला आशिर्वाद।।६।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract