बेटी की सच्ची दोस्त मॉं ही होती है, मॉं पर लिखीत सुंदर कविता। बेटी की सच्ची दोस्त मॉं ही होती है, मॉं पर लिखीत सुंदर कविता।
उसके माथे की जो सिंदूरी है, होगा गुमान किसी मर्द का, उसकी तो मजबूरी है। उसके माथे की जो सिंदूरी है, होगा गुमान किसी मर्द का, उसकी तो मजबूरी है।
देये उजारो सबला दुयी घरकी वा आशा देये उजारो सबला दुयी घरकी वा आशा
एक दिवस तेरे आँगन से, चिड़िया सी उड़ जाऊँगी। एक दिवस तेरे आँगन से, चिड़िया सी उड़ जाऊँगी।