STORYMIRROR

Neeraj pal

Inspirational

4  

Neeraj pal

Inspirational

मोक्ष।

मोक्ष।

1 min
481


नहीं भरोसा इस जीवन का, किस विधि किसको है जाना।

कर ले अपनी सफल जिंदगी, मुश्किल है इससे बच पाना।।


क्यों बुनता तू बरसों के सपने, वर्तमान ही तेरा है अपना।

अपना ले इस कटु सत्य को, कुछ नहीं सब है झूठा सपना।।


विषय-वासना में जकड़ा प्राणी, कहता है सब कुछ है अपना।

यह काया भी किसी और की अमानत, अहम-भाव को दूर भगाना।।


क्या मकसद है इस अमूल्य जीवन का, बुद्धि- विवेक से काम है करना।

विवेक-शून्य गर बन भी जाओ, वीतराग पुरुष की शरण तुम गहना।।


सत्य, अहिंसा और परमार्थ अपनाकर, राम नाम की माला जपना।

नर में ही नारायण रहता, कथनी-करनी को तुम अपनाना।।


प्रेम साधना अंतर्मन से कर लो, आत्मानंद की अनुभूति करना।

गैर भी तुझको अपने लगेंगे, दुःख, संताप सबके तुम हरना।।


जीवन तेरा कृतार्थ तब होगा, शुद्ध आचरण पर तुम चलना।

"मोक्ष" का भागी "नीरज" तू बन जा, जीवन-मरण की चिंता मत करना।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational