Sanjay Jain

Abstract

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Sanjay Jain

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मोक्ष जाने का पथ

मोक्ष जाने का पथ

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छोड़ दो मिथ्या दुनियां,

सार्थक जीवन के लिए।

इससे बड़ा सत्य कुछ,

और हो सकता नहीं।

चाहत अगर प्रभु को पाने की हो ।

तो ये मार्ग से अच्छा कुछ,

और हो सकता नहीं।

छोड़ दो..।


मन में हो उमंग प्रभु को पाने की।

करना पड़ेगा कठिन तपस्या तुम्हें।

मिल जाएंगे तुमको प्रभु एक दिन।

बस सच्ची श्रध्दा से उन्हें याद करो।

छोड़ दो..।



आत्म कल्याण का पथ ये ही हैं।

बस इस पर चलने की तुम कोशिश करो।

मोक्ष का द्वार तुम को मिल जाएगा।

और जीवन सफल तेरा हो जाएगा।

छोड़ दो..।





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