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Bindiyarani Thakur

Romance

3  

Bindiyarani Thakur

Romance

मोहे रंग दो

मोहे रंग दो

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आओ मुझको रंग लगाओ

अपने ही रंग में पिया हमें रंग डालो,

यूँ तो पहले से ही तोरे प्रेम के रंग रंगी हूँ

इस प्रेम कोष को और बढ़ा दो ,

गाढ़ा लाल रंग है इश्क का सैंया मोहे भाया है

मल मल के इसी रंग में पिया हमें डूबा दो,

रंग ना कभी उतरे तिहारा ऐसी कोई साज़िश कर दो।।



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