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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

मोहब्बत का जादू..!

मोहब्बत का जादू..!

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मोहब्बत का जादू ये कैसा चला ?

चला ऐसे जैसे ना कुछ हैं चला

ये मन सांवरा मनमोहन हुआ

ये तन श्याम का श्याम रंग में हुआ 

हमें जीने के लिए तेरी कसम

एक मुलाकात तो कहीं हों सुमन


तेरा सपनों में आना तो रहता ही हैं

मेरा गीतों की गाना तो चलता हीं हैं

कभी तो मिलों अब हक़ीक़त में तुम

एक मुलाकात तो कहीं हों सुमन


तेरे इश्क़ का जादू ये ऐसा चला

चला ऐसे जैसे ना कुछ हैं चला

हमें जीने के लिए तेरी कसम

एक मुलाकात तो कहीं हों सुमन


मेरा प्यार तुमसे जुदा ना हुआ

ना होगा कभी ओ मेरे मेहरबां

हमें जीने के लिए तेरी कसम

हां हमें मरने के लिए तेरी कसम


एक मुलाकात तो कहीं हों सुमन 

मैं तो बस तेरे हीं इस प्यार में हूं

मैं तो बस तेरे हीं इंतज़ार में हूं

हां अब तुम तक पहुंचने की कगार में हूं


हमें जीने के लिए तेरी कसम

एक मुलाकात तो कहीं हों सुमन।


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