मोहब्बत गुनाह
मोहब्बत गुनाह
मोहब्बत अगर गुनाह है
तो मंजूर है मुझे फांसी,
जरा पूछूं तो उस खुदा से
क्यूँ तूने इंसान बनाया?
और अगर इंसान बनाया
उसे प्यार करना क्यूँ सिखाया?
उसकी मोहब्बत को
गुनाह क्यूँ बताया?
उसकी मोहब्बत पर
प्रतिबंध क्यों लगाया?
क्यूँ दो प्यार करने वालों को
सजा देते हैं लोग,
क्यूँ दो प्यार करने वालों को
गलत समझते हैं लोग,
जबकि यह मोहब्बत भी
ख़ुदा की ही देन है!