मंज़िल मेरी
मंज़िल मेरी
मंजिल मेरी कहां है। और कितनी दूरियां बाकी है उस तक पहुंचने में।
मेरी मंजिल कहां तक है। इतने सारे रास्ते में कौन सा वह रास्ता है जो मुझे मेरे मंजिल तक पहुंच जाएगी। उसे पहचानोगे कैस।
मेरी मंजिल कहां है त।
यह रास्ता काफी लंबा है खड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। अभी से उसकी तैयारी में जुड़ जाना होगा।
ना जाने और कितनी दूर जाकर मुझे मेरी मंजिल हासिल होगी वक्त नहीं है खाने पीने पर ध्यान देने के लिए आगे बढ़ते जाओ बढ़ते जाओ जब तक कि आपके मंजिल की आशा की किरण नहीं नजर आती।
यह तय है कि हमें काफी सारे मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा लेकिन आत्मनिर्भरता और परिश्रम की हथियार से हम आगे बढ़ते रहे और बढ़ते रहे हमारे कदम तब तक नहीं रुके जब तक हमें अपनी मंजिल पास आता हुआ ना नजर आए।
मन में विश्वास और इच्छा से आगे बढ़ते रहो ना धूप तुम्हें सताए ना बारिश तुम्हें भी गाय ना काटे तुम्हें छू ले ना फूल मुरझाए ना हाथों की लकीरें बदल जाए नायर धरती तक जाए आगे बढ़ते रहो और बढ़ते रहो। ना जाने वह मेरी मंजिल कब हासिल होगा मुझे मेरे कदम नहीं रुकेंगे जब तक मैं उसे पार ना कर लूं। मैं ना तो हार मानने वाली हूं ना ही पीछे हटने वाले मेरे कदम चलते रहेंगे जब तक कि मैं उसे प ना लूं।
मंजिल मेरी मंजिल
है कहां तू मैं ढूंढ रही हूं तुझे कई सारे रास्ता हूं मैं कई मुसीबतों का सामना करते हुए इस रास्ते पर मैं चलती रही हूं तेरे को जी में बारिश की बूंदों ने मुझे सताया धूप तूने मुझे तक आया तो फिर ने मुझे छाया दिया और उसके फल ने मेरे बुक मिटाया पर मैं रुकी नहीं चलती रही चलती रही इतनी दूर की जब तक तेरे पास ना पहुंच जाऊं मंजिल।
मंजिल मेरी मंजिल
है कहां तू हर किसी का मंजिल अलग है कई सारे लोगों ने मुझसे पहले मंजिल हासिल कर लिया है वह दुनिया के हसीन स्थानों पर है पर मेरी यही तमन्ना है कि मैं भी अपनी मंजिल को हासिल करो और उस रास्ते पर चलने के लिए मुझे ना जाने और कितने तकलीफों का सामना करना पड़े लेकिन मेरे कदम नहीं रुकेंगे जब तक मैं उसे हासिल ना कर लूं मैं जल्दी रहूंगी चलती रहूंगी कि जब तक मेरी मंजिल मुझे ना मिल जाए।
तमाम दशकों से मेरी यह दुआ है की मंजिल चाहे कोई भी हो कितनी भी मुसीबतों से भरा हुआ हो रास्ता कितना भी लंबा हो उस रास्ते को चुनो जो आपके मंजिल तक पहुंचाती है बिना किसी और को दुख पहुंचा है या खुद को दुख पहुंचाए इस रास्ते पर मुसीबतों का सामना करते हुए हंसते मुस्कुराते हुए मन में विश्वास रखते हुए आगे बढ़ते जाओ बढ़ते जा आपका मंजिल आपका इंतजार करता हुआ नजर आएगा एक बार उस मंजिल पर पहुंच गए तो सारी तक आवत ही क्षण में दूर हो जाएगी।
रास्ते में आए हुए मुश्किलों से कह दो मुश्किलें तुम बड़े नहीं हो लेकिन मेरी कुधा बहुत बड़ा है वह मुझे तुम से लड़ने की ताकत जरूर देगा और उनके आशीर्वाद से मैं अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचे और उस अनुभव को मैं जरूर महसूस करूंगी जब तेरे पास आने पर मेरे को महसूस होगी।
मंजिल मेरी मंजिल है कहां तू।