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मनचली हवा

मनचली हवा

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ए मनचली हवा

तू आई कहाँ से

तू जा रही है कहाँ ?

मैं भी चलूंगी तेरे साथ वहाँ

जहाँ झुमे ये गगन

जहाँ गाये ये चमन

जहाँ हो प्यार का मिलन

ख़ुशियों से रंगी हो

जहां की फिजा

मुझे ले चल वहाँ

ए मनचली हवा।

जहाँ गूँजती हर वादी हो

जहाँ पुलकित ये जमी हो

दिखती हो दुनिया जहाँ से हसीं

किसी को कोई से

ना शिकवा हो वहाँ

मुझे ले चल वहाँ

ए मनचली हवा ।

जहाँ मुस्कुराता हो सवेरा

जहाँ की शाम भी सिमटे

ले के ख़ुशियों का बसेरा

जहाँ हर ख़्वाब के

पूरे होने की हो आशा

गुनगुनाता हुआ हर पल

जहाँ देता हो भरोसेमंद दिलासा

ए मनचली हवा

मुझे ले चल वहाँ ।।


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