STORYMIRROR

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा बाबा

Inspirational

3  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा बाबा

Inspirational

मंच पर खुश मिलाबटखोर

मंच पर खुश मिलाबटखोर

1 min
260


मंच पर शर्म सजाये नेता,

ठंड पर बात करता है,

मंच पर उससे पूंछ,

तेरी बात का क्या खर्चा है।


खुदगर्ज़ियां बांटता है,

या अपनी मर्जियां ढांकता है,

ठिठुरी बैठी गुमराह जनता है,

नेता गर्म मंच साजता है।


भलाई के मीठे बोल,

नेता मंच से बांटता लोभ,

धरातल पर चीखते लोग,

मंच पर खुश मिलाबट खोर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational