मन मन्दिर
मन मन्दिर
मन मंदिर की होय सजावट।
चमकाते रह साफ-स्वच्छ कर।
हर कोना को करना बेहतर।
दिखे कहीं भी नहीं बनावट।
अति साधारण मनोवृत्ति हो।
भावुकता का गंग बहाओ।
प्रीति रंग का भंग जमाओ।
अतिशय मधुरिम सद्प्रवृत्ति हो।
भाव भंगिमा का अर्चन हो।
मानवीय मूल्यों का वंदन।
जीव मात्र का हो अभिनंदन।
पुण्य फलामृत का अर्जन हो।
पावन मंदिर यही एक है।
अगर इरादा दिव्य नेक है।