मन की बात
मन की बात
मन में मेरे उदासी तो है,
पर बातों में थोड़ी कम रखता हूँ।
आँखों से आँसू को हटा कर,
मुस्कुरा कर सबसे मिलता हूँ।
मन में मेरे उदासी तो है,
पर बातो में थोड़ी कम रखता हूँ।
पैसों को बचा कर,
मन की ख्वाहिशों को दबा कर,
बाज़ारो से मैं गुमनाम सा
होकर निकलता हूँ।
मन में इच्छाएँ तो हैं,
पर जेब में पैसे कम रखता हूँ।
आँखों मे सपने लेकर,
मेहनत की डोरी पकड़ कर,
पतंग को आसमान में उड़ाने की
कोशिश करता हूँ।
हवाओं में उड़ने के शौक है मेरा,
पर पैर ज़मीन पर रखता हूँ।
मन मे मेरे उदासी तो है,
पर बातों में थोड़ी कम रखता हूँ।
