STORYMIRROR

Pratibha Bhatt

Inspirational

4  

Pratibha Bhatt

Inspirational

मन का श्वेत भाव

मन का श्वेत भाव

1 min
269

कभी कभी अधूरापन

परिचायक होता है

क्षमताओं का, अपूर्णता से

पूर्णता का रास्ता

थोड़ा कांटों से भरा

पांव छलनी करता है

यहां वहां दर बदर

भटकते हुए जमीं पर

पड़ा एक प्याला

कुछ मुरादे बटोरता हुआ

मन का हंसा

नहीं पड़ने दी वो काली

परछाईं लोभ, लालच,

और मद से भरी निगाहों की

कोशिशें ज़माने की लाख थी

मन को विचलित करने की 

कहीं दर्पण में पहचान 

देखो तो तुम्हें नज़र ना आये

मुश्किल ज़रूर था

अस्तित्व को बरकरार

ज्यों का त्यों साफ

रखना चुनौतियां

आई कदम कदम पर

पर नहीं बिखरा तो सिर्फ

मन का श्वेत भाव 

उम्मीद का प्याला....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational