ममता के आँसू
ममता के आँसू
आँखों के आँचल में,
ममता के आँसू लिए
पेट पालने को बच्चों के
रात-दिन एक किए,
जन्म दिया पाला
तुम्हें,पालने झुलाया
पेट पालने को बच्चों का,
रात-दिन एक किए,
गमों की मार सही,
सिर्फ तुम्हारे लिए।
पढ़ाया लिखाया तुम्हें,
चाहा खुशहाल रहो,
खुश रहो प्यार पाओ,
चाहा निहाल रहो,
समय बीतता गया,
बच्चा अब बड़ा हो गया,
बचपना अब
जवानी में बदल गया,
पढ़-लिख अपने पैरों पर
खड़ा हो गया,
माँ के प्यार का आज,
अच्छा सिला दिया,
छोड़ दिया उसी को
किसी और के लिए।
नौकरी पा परदेश
में,
जाकर रहने लगा,
माँ को दोषी ठहरा,
भला-बुरा कहने लगा,
बुढ़ापे की लाठी,
इस कदर टूट गई,
छिन गया सहारा माँ का,
इसकी कोई खबर नहीं,
जर्जर शरीर माँ का,
गमों से टूटने लगा,
आँसू ना रुके आँखों से,
जब बेटा रूठने लगा।
लाखों संदेश दिए,
तुम्हें बुलाने को,
देखने को तुम्हें,
जरा सहारा पाने को,
अनसुनी कर दी तूने,
उसकी आवाज़,
न जाने तुझमें कहाँ से,
निष्ठुरता आई,
न झलक पाई तुम्हारी,
फिर भी आशीर्वाद दिए,
चली गई दुनिया से,
बेटे की आस लिए,
आँखों के आँचल में,
ममता के आँसू लिए।।