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मलाल नहीं तुम्हारे जाने का

मलाल नहीं तुम्हारे जाने का

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इस बार जो तुमको खत लिखा था ,

अच्छा जवाब भिजवाया है,

कांधे चढ़ किसी और के ,तेरा ताबूत आया है ।


ना जान सके तुम दिल मेरा ,

ना देख सके तुम प्यार हमारा,

मेरी कोख में क्या रंग लाया है ।


छोटी की आंखों में भी ,

राखी पर सागर भर आया है।

अम्मा तो हर दिन कसकती,

पर जन्म दिन पर तुम्हारे,

दिल जार जार हो आया है ।


छोटू ने भी रट है पकड़ी ,

सीमा पर वो जाएगा ।

भइया जैसे वो भी अपने,

भारतभूमि पर बलि बलि जाएगा ।


अच्छा सुनो ,तुम सब देख रहे हो,

ये मैं नन्हे को बतलाऊंगी ।

पापा चमके आसामान में,

कह कर शीश नवाऊंगी ।


मलाल नहीं तुम्हारे जाने का,

देश के लिए जान गवाई है ।

बस कसक है इतना सा कि

क्यूँ तुम्हारी चिट्ठी ना आयी है ।


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