मकड़ी
मकड़ी
मेरी खिड़की के
बाहर बना
मकड़ी का घर
उजड़ गया
कल रात।
मकड़ी शायद
हो गयी
भोजन श्रृंखला के
विष का शिकार।
शाम ही तो
एक मक्खी
फंसी थी
जाले में।
मकड़ी ने तुरंत
कर लिया था उसका
लार से लपेट भंडारण।
शायद ये वही मक्खी थी
जो पड़ौस से खा कर आई थी
बेगान में लिपटी चीनी।
मर गयी मकड़ी
खाकर जहरीली मक्खी
अब मेरी खिड़की
लग रही है कितनी सूनी।
मकड़ जाल अब गिर गया है
हवा के झोंके से
उसकी मौत के बाद।