ज़िद्दी मक्खी ज़िद्दी मक्खी
मकड़ जाल अब गिर गया है हवा के झोंके से उसकी मौत के बाद। मकड़ जाल अब गिर गया है हवा के झोंके से उसकी मौत के बाद।
कर सके न तंग अब कोई परेशानी तोडने को मुझे रखी थी जिन्होंने ठानी फेर दी उनकी हर कोशिश पे मैंने पानी... कर सके न तंग अब कोई परेशानी तोडने को मुझे रखी थी जिन्होंने ठानी फेर दी उनकी हर...
जीती मक्खी निगलना आसान नहीं, कुछ अपने पराये हमें भड़काते रहते। जीती मक्खी निगलना आसान नहीं, कुछ अपने पराये हमें भड़काते रहते।