जीती मक्खी निगलना
जीती मक्खी निगलना
जीती मक्खी निगलना आसान नहीं,
कुछ अपने पराये हमें भड़काते रहते।
उनकी बातों में कभी हमें आना नहीं,
बेईमानी ठगी करें बिल्कुल सही नहीं।
आज-कल लोग पैसों के वास्ते जीती,
मक्खी निगलने को भी तैयार रहते हैं।
