कहो! मज़ा क्या ? जो खाने में दावत के बग़ैर है बच्चों को बहकना कहो! मज़ा क्या ? जो खाने में दावत के बग़ैर है बच्चों को बहकना
जीती मक्खी निगलना आसान नहीं, कुछ अपने पराये हमें भड़काते रहते। जीती मक्खी निगलना आसान नहीं, कुछ अपने पराये हमें भड़काते रहते।