Dr.vishnu Prasad Vaishnav
Children
मिठ्ठू मियां बड़े रंगीले,
मिर्ची खाते चाव से ।
उड़ते हैं भई नील गगन में,
रहते समता भाव से।।
मोर
गौरेया
कोयल
बंदर मामा
मिठ्ठू
बचपन में तेरी उंगली पकड़कर चलना, गोदी की पालकी में सुकून से पलना, तेरी लोरी में चाँद तारों से मिलना, ... बचपन में तेरी उंगली पकड़कर चलना, गोदी की पालकी में सुकून से पलना, तेरी लोरी में च...
कैसे कहूँ आऊँगी अवश्य पर अभी कैसे आऊँ ? कैसे कहूँ आऊँगी अवश्य पर अभी कैसे आऊँ ?
एक पिता ही देते हैं साथ, जब जिंदगी भर चलने की होती है बात ! एक पिता ही देते हैं साथ, जब जिंदगी भर चलने की होती है बात !
क्या वास्तव में हम इंसान समय की यात्रा कर सकते हैं? समय सीमा पार कर, भूत और भविष्य में? क्या वास्तव में हम इंसान समय की यात्रा कर सकते हैं? समय सीमा पार कर, भूत और भवि...
<b><i><br>आँखें तो तेरी थीं, यादें वो मेरी थीं।</i></b><br><b><i><br></i></b><b><i>यादें थीं मगर वो ... <b><i><br>आँखें तो तेरी थीं, यादें वो मेरी थीं।</i></b><br><b><i><br></i></b><b>...
कोई तारें बिछा दो फोन की भगवान के घर तक,मुझे माँ तक बात पहुंचानी है। कोई तारें बिछा दो फोन की भगवान के घर तक,मुझे माँ तक बात पहुंचानी है।
मस्ती की थी, शरारत भी, पर पढ़ाई से न मुँह मोड़ा। मस्ती की थी, शरारत भी, पर पढ़ाई से न मुँह मोड़ा।
पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी पूछे हमारा हाल दें हमें सम्मान पर थी नादानी यह हमारी, नासमझी अपनी
पीना मुश्किल हुआ है देखो, नल से कब जल आयेगा। पीना मुश्किल हुआ है देखो, नल से कब जल आयेगा।
आज ये एक दुःख़द कल्पना है बच्चों ,तुमसब बच्चे यदि न चेते तो ये कजल की भयवाह सच्चाई है ,अपने जीवन में... आज ये एक दुःख़द कल्पना है बच्चों ,तुमसब बच्चे यदि न चेते तो ये कजल की भयवाह सच्च...
जो ऊपर गतिमय भीतर शांत रहेगा वहीं समंदर कहलाएगा । जो ऊपर गतिमय भीतर शांत रहेगा वहीं समंदर कहलाएगा ।
गिर जाते हैं मिट्टी में दाने, सूखे फल जो जमा कर रखे थे गिलहरी ने आने वाले समय के लिए टहनियों के ... गिर जाते हैं मिट्टी में दाने, सूखे फल जो जमा कर रखे थे गिलहरी ने आने वाले समय...
ये रंगीन फसाना कोई मुझसे पूछे के तू कैसा प्यारा है कितना हंसी है सबा से ये कह दो के कलियां बिछाए ये रंगीन फसाना कोई मुझसे पूछे के तू कैसा प्यारा है कितना हंसी है सबा से ये कह ...
चंदा मामा आए थे,<br>हलवा पूरी लाए थे।<br>दादा भी संग आए थे,<br>चाचा भी मुस्काए थे। चंदा मामा आए थे,<br>हलवा पूरी लाए थे।<br>दादा भी संग आए थे,<br>चाचा भी मुस्काए थ...
फिर से उन पर बारिश की बूंदों को उड़ेलना है चिरपरिचित अंदाज़ सावन का। फिर से उन पर बारिश की बूंदों को उड़ेलना है चिरपरिचित अंदाज़ सावन का।
थोड़ी सी थी, उदास ज़रूर, परी से विदा होने पर, किन्तु माला देख, खुशी से भरने लगी किलक थोड़ी सी थी, उदास ज़रूर, परी से विदा होने पर, किन्तु माला देख, खुशी से भरने ...
बरगद होने के बाद तुम समझोगे प्रकृति और माँ को। बरगद होने के बाद तुम समझोगे प्रकृति और माँ को।
बचपन के वो दिन बचपन के वो दिन
पढ़ना बहुत जरूरी है पढ़ना बहुत जरूरी है बढ़ना बहुत जरूरी है पढ़ने से ज्ञान है मिलता पढ़ना बहुत जरूरी है पढ़ना बहुत जरूरी है बढ़ना बहुत जरूरी है पढ़ने से ज्ञान है म...
है हर एक अंदाज है तलवार सा हसीनोंकी अदा है प्यार सा जालिम सा लगा रहता जरा सी बात का अफसाना कर दे है हर एक अंदाज है तलवार सा हसीनोंकी अदा है प्यार सा जालिम सा लगा रहता जरा सी ...