स्कूल की मीठी यादें
स्कूल की मीठी यादें
स्कूल समय की यादें,रचे बसे मन में सुंदर ख़यालात
कभी मीठी सी झिड़की,कभी प्यार से सहलाते हाथ।
स्कूली यूनीफ़ॉर्म में दिखते, सब एक जैसे एक साथ
कभी कट्टमकट्टी पर दूजे पल फिर मिल हो जाते साथ।
वो सुबह सुबह का अलार्म और मम्मी की रोज डाँट
दौड़ते हुए चढ़ना बस में,फिर बस में बनती ख़ूब मज़ाक़।
मैम”मैं आई कम इन”का दिन में कई बार होता रियाज़
गुउउउड..मोओओर..नीई ग का हर दिन का सुंदर राग।
पेटदर्द व पता नहीं मैम क्या हुआ मुझे का उम्दा प्रलाप
असेंबली न जाने के नए नए प्रयोगों का लम्बा अभ्यास।
लंच टाइम की घंटी मानो पूरे स्कूल में जीवन संचार
दूजे के लंच में क्या है यानि अगले दिन का मेन्यू तैयार।
पर सच पूछो तो याद बहुत आता है वो स्वप्निल संसार
होंगे कब बड़े,अब लगता,क्या थे ग़ज़ब बचपन के यार।
दिल से आभार-शुक्रिया अपने सभी गुरुजनों का
जिनके आशीर्वाद ने रचाया हमारा सुखी संसार।
अनुशासन-जीवन मूल्य-बड़ों का आदर व देश-प्रेम
कहना आपका लगता था कभी कभी बहुत ही भारी।
जीवन में सम्मान मिला,सफल हुएँ तो जाना
लुटा दिया आपने अपना ख़ज़ाना,हम पर बारी बारी।