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Phool Singh

Children Stories Inspirational

4  

Phool Singh

Children Stories Inspirational

मेरा स्वाभिमान

मेरा स्वाभिमान

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सबके इशारों पर चलने वाली 

मैं किसी की जागीर नहीं 

स्वाभिमान है मेरा खुद का 

लिखने आया तकदीर नई।


रेत पर लिखी गई जो 

ऐसी मेरी तकदीर नहीं 

अमित होकर जग में डोलूँ 

लिख हृदय पर लकीर नई।


धूल जाऊँ जो वर्ष जल से 

ऐसी मेरी तासीर नहीं 

सिद्धत से कर हर कर्म को 

लिखने आया एक गाथा नई।


हौंसला अपना बुलंद कर मैं 

उम्मीद जगाता रोज नई 

कर्म पथ बढ़ कर अपने

 स्थापित करूँगा मिशाल नई।


चापलूसी भाये ना मुझकों 

यथार्थ पर करता हूँ यकीन 

किस्मत अपनी बदलने आया 

मार्ग दिखाऊँगा अपनी पीढ़ी नई।


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