STORYMIRROR

Yashvi bali

Inspirational

4  

Yashvi bali

Inspirational

मिठास ….

मिठास ….

1 min
293


    चाय का कप लेकर आप 

    खिड़की के पास बैठे हों

   और बाहर के सुंदर नज़ारे का 

आनंद लेते हुए चाय की चुस्की लेते हैं

.....अरे चीनी डालना तो भूल ही गये..;


 और तभी फिर से किचन मेँ जाकर

  चीनी डालने का आलस आ गया....

  आज फीकी चाय को जैसे तैसे

   पी गए,कप खाली कर दिया


   तभी आपकी नज़र कप के तल 

   में पड़ी बिना घुली चीनी पर  पडती है..!!

 मुख पर मुस्कुराहट लिए सोच में पड

  गये...चम्मच होता तो मिला लेता


  हमारे जीवन मे भी कुछ ऐसा ही है...

   सुख ही सुख बिखरा पड़ा है

   हमारे आस पास...

   लेकिन,  बिन घुली उस चीनी की तरह !!


  थोड़ा सा ध्यान दें-

 किसी के साथ हँसते-हँसते उतने ही

  हक से रूठना भी आना चाहिए !

   अपनो की आँख का पानी

   धीरे से पोंछना आना चाहिए !

   रिश्तेदारी और दोस्ती में कैसा 

   मान अपमान ?

   बस अपनों के दिल मे रहना 

  आना चाहिए...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational