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Geeta Upadhyay

Abstract

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Geeta Upadhyay

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मिटा सकते हैं

मिटा सकते हैं

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इस संकट की घड़ी में भी 

पाक तू बाज न आया,

तूने अपनी करतूतों से 

बुजदिली का एक और सबूत दिखाया,

हंदवाड़ा में बेकसूर वीर जवानों को मार गिराया 

शराफत को कमजोरी समझने की भूल मत करना,

ठंडी भी नहीं हुई अभी आग 

देख तीन दिनों में ही,

उनकी शहादत का बदला 

फौज -ए -हिंद

ने ले कर दिखाया,

देख कैसे तहखाने में

छिपे तेरे नायकू को

40 किलो आईईडी से उसके साथियों के साथ उड़ाया,

सांप के फन पर पैर रखने की भूल मत करना,

समझ जा समझा देंगे वरना

हम अपनी पर आए तो

लहू की नदियां बहा सकते हैं,

तेरी हस्ती को दुनिया से 

मिटा सकते हैं।



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