STORYMIRROR

Saumya Singh

Abstract Tragedy

3  

Saumya Singh

Abstract Tragedy

miss u papa

miss u papa

1 min
526


काश आप होते...

तो ये गम नहीं होते..

मम्मी की आँखें यूँ नम नहीं होती...

मैं जहाँ भी होती हमेशा खुश रहती...


हर खुशियां बाहें फैलायें बुला रही हमें,

पर हमारी ख़ुशी आप दोनों का साथ में रहना था..

काश ऐसा होता कि... आप के बदले हम नहीं होते..,

तो शायद ये गम नहीं होते, आपको मुस्कुराते देख पाते काश....

पहले प्यार कि मीठी फुहार जो हमपर पड़ी.. हम ख़ुशी में झूम उठे,

होश तक गवा बैठे....


....... काश मम्मी.... और आप.......

आप दोनों को भी इन्हीं बरसात में हम भीगता देख पाते...

आप दोनों के प्यार से हम भी बारिश से भीगी हुयी मिट्टी कि सोंधी खुशबु महसूस कर पाते......

आपको इतना लाड प्यार नहीं देना था उन्हें,

जब आपको साथ निभाना ही न था..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract