पापा आप हो
पापा आप हो


जब आपसे ही दुनिया है मेरी,
फिर क्यों सब कहते हैं,
आप दुनिया में हो ही नहीं,
क्यों झूठ कहते है सब?
आप मेरे साथ हो, हर पल साथ हो।
अगर नहीं हो तो कौन है ?
जो चलता है बादल बनकर मेरे साथ साथ,
कभी धूप बनकर मेरे साथ साथ,
कभी धूप में शीतल सघन छाया बनकर,
उदास पलो में सहला जाता हैं मेरे बालों को....
आप नहीं हो तो फिर कौन है?
आप ही तो हो जो ठंडी हवाओं के झोंको से
प्यार भरा आशीष दे जाते हो।
मुझे देख रोती हुई मम्मी भी मुस्काती हैं,
क्योंकि मुझ में उन्हें आपका अक्स दिख जाता है,
और उन्हें जीने का सम्बल दे जाता है।।
पापा लोग झूठ क्यों कहते हैं कि आप नहीं हो ,
जबकि आप मेरे साथ हो,
और आपका ये सांत्वना भरा अदृश्य स्पर्श, उत्साह ,
विजेता पलों में दे जाता है एक आस।।
आपकी परी