मिस यूू
मिस यूू
हर पल याद करू.. यादों में तुम्हे..
कैसे भुल जाऊ में हर बार तुझे..
तेरी हर एक बात याद आती हैं।।
दिल में हर बीती बात सताती है..
क्यों चले गए तुम परलोक..
यही चिन्ता सताती है...
जाना तो सबको हैं... पर
तेरी याद आज भी दिल से आती हैं..
निकलते हैं ..आसू मेरे में रोक लेती हूँ..
तुम मेरे पास ही हो...
ये मन में समझ लेती हूँ!
क्या कहूँं अब दिले दासता हमारी..
कुछ बाते अपने दिल की
कविता में डाल देती हूँं..अपने को
उसी सांचे में ढाल देती हूँं..
एक नए रंग में बिखरने को फिर
अपने आप संभल जाती हूँं!
गिरती हूँं... लड़खड़ाती हूँं..
फिर एक नई कविता बन सवर जाती हूँ..
मां तेरी याद में अपने ही तेरी छवि पाती हूँ !
