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Neelam Sharma

Romance

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Neelam Sharma

Romance

मिलन

मिलन

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रात भी स्वर्णिम हुई,सुप्रभात साजन

जगी उषा किया मधु से स्‍नात साजन

प्रीति पिया हमको मिली सौगात साजन

ऐसे मिले हम एक हो गया गात साजन


दुग्ध उज्ज्वल में नहाई कौमुदी है

प्रेम परिणय प्रणय बहती नदी है

हर लता-तरु में प्रणय की रागिनी है

 देखो इंदीवर रिझाती चाँदनी है


कह दो प्रियतम आज तुम मेरे लिए हो

बोल दो न बात क्यों तुम लब सीये हो

प्रणय तृषा का आप ही मधुरस पीये हो

हर श्वास मेरी आप ही धड़कन हिये हो


प्रेम मन-वीणा, प्रिय तुमने कसी है

स्‍वर्ग सा उल्‍लास भर खिलती हँसी है

आप ही बस आप अन्तर में बसे हो

अनमोल नीलम से तुम्हीं मुझको लसे हो।


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