मिलकर स्वाद बढ़ाते हैं
मिलकर स्वाद बढ़ाते हैं
हींग हुआ है जबसे महँगा,मेथी को है अकड़ दिखाता
भाव मुझे फिर भी देते सब, तू कड़वा सबको ना भाता
सुनकर मेथी,हींग के ताने,अपनी खूबी जब है सुनाता
हींग के छूटे छक्के सारे ,थोड़ा कम अब वो इतराता
दोनों भरे औषध के गुण से, फिर काहे की तू-तू मैं-मैं
मेथी दाना,हींग की खुशबू,अपने अपने गुण के दाता
जब दोनों की बातें सुनकर ,मेरी अक्ल थोड़ी चकराई
सूची में अब हींग के संग संग, मेथी का भी हिस्सा आता
मेथी से जो चिढ़ थी मुझको, और हींग से इतना प्यार
हींग का तड़का मेथी संग,सालन का अब स्वाद बढ़ाता।