मिलेगा या नहीं-
मिलेगा या नहीं-
मुझे लगता है परमेश्वर ने तुम्हें मेरे लिए
इस दुनिया में भेजा है क्योंकि फिक्र है उन्हें मेरी
तभी तो मेरी हर मुश्किल
तुम दूर कर देते हो ऐसे जैसे खुदा हो कोई,
वैसे मैं सुनती नहीं किसी की,
फिर भी तुम्हे सुनना पसंद करती हूं,
तुम्हें देखना तो भगवान के दर्शन की तरह
दुर्लभ है परन्तु, दर्शन मुझे मिलेगा या नहीं
जो घर एक मंदिर है, उस मंदिर में जाने का
सौभाग्य मुझे कभी मिलेगा भी या नहीं
पता नहीं जो भगवान रूपी तस्वीर जिसकी
मेरी आँखों में है वो मिलेगा या नहीं
तेरी भक्ति का फल मुझे मिलेगा या नहीं ?