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SAURABH PATEL

Romance Fantasy Others

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SAURABH PATEL

Romance Fantasy Others

मिज़ाज ए मुहब्बत

मिज़ाज ए मुहब्बत

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कुछ तेरे ख्याल में था कुछ तेरे सवाल में था

तुम्हारा दिल कहां जिस्म की दीवाल में था


मैं तुम्हें कितनी आसानी से पसंद आ गया

यानी हमारा रिश्ता शुरू से मुश्किल में था


मैंने जिस इरादे से तुझे जी भर के देखा

मैं अब तक उसी नियत के मलाल में था


कहीं चढ़ न जाए मुझ पर ज़माने का रंग

इसलिए खुश बहुत मैं अपने हाल में था


मैं और तुम तो आ गए नए साल में मगर

वो इश्क़ कहां हैं जो पिछले साल में था।


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