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Sangeeta Agarwal

Action

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Sangeeta Agarwal

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महिलाएं

महिलाएं

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ये फूल सी नाजुक,चांद सी सुंदर,

कली सी कोमल,दिलवाली,उदार

होती हैं, ये महिलाएं होती हैं।


इनकी कोमलता को इनकी कमजोरी

न समझना,समय आते ही ये काली, चंडी

बन जाती हैं,ये महिलाएं होती हैं।


जब ये नन्ही बेटी बनकर घर आती हैं

चिड़ियां सी फुदकती,घर रोशन करतीं

सबका दिल लुभाती,बालिकाएं होती हैं।


जब पराए घर विदा हो ससुराल जाती,

दोनो घरों की प्रतिष्ठा संभालती, अंदर बाहर

की बातें जज्ब करती गृहणी होती हैं।


छोटी सी चीज़ के लिए मनुहार करती पति से,

जरूरत पड़ने पर अपना सर्वस्व निछावर करती

अजीब सी प्रेमिकाएं होती हैं।


अपने बच्चों के सुख ,उन्नति के लिए

हर मुसीबत का डट के सामना करती

ये वीरांगना बन जाती,कभी कुम्हलाती।


हां! ये महिलाएं ही होती हैं जो हर

बात को हंस कर झेल जाती हैं पर

अपने परिवार की इज्जत पर आंच नहीं आने देती।


महिलाओं का सम्मान करो,उन्हें खुश रखो

वो तुम्हारे जीवन का आधार हैं।

जिस घर,देश में महिलाएं सुरक्षित हैं

उसका बेड़ा,मझधार में भी पार है।


पुरुष और महिला, परिवार रूपी गाड़ी

के दो मजबूत पहिए हों,

दोनो ही स्वस्थ,सुखी,संतुष्ट हों

तो गाड़ी की गति को क्या भय हो ?


महिलाओं को देवी की तरह न पूजिए

उन्हें इंसान होने का हक दीजिए।

जहां की कथनी करनी एक होती है

वहां परिवार रूपी बगिया महकती है।


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