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Avitesh R

Inspirational

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Avitesh R

Inspirational

मेरी पहचान

मेरी पहचान

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एक किरण रोशनी की फिर से दिखी है,

कुछ नया कर जाने की उम्मीद जगी है,

हार नहीं मानेंगे मंज़िल से पहले

ज़माने को दिखेगी आग, जो भीतर लगी है।


हाँ, आज फिर में सबसे लड़ने को तैयार हूं,

खो गयी है पहचान उसे पाने को बेक़रार हूं,

अपनी ही नहीं औरों की ज़िन्दगी में भी रंग भर सकूँ

बस ऐसा कुछ अच्छा करने को तलबग़ार हूं।


माँ-बाप, बहन-भाई, ये सब रिश्ते नाते हैं

जरुरी ये है, हम उनके लिए क्या कर पाते हैं

ऐ बन्दे गुरुर न कर जाना,

ऐसा करने से हम खुद की

नज़रो में ही गिर जाते हैं।


बारिश भी होगी बादल भी गरजेंगे,

लोग भी तुम्हारे पीछे बाते करेंगे,

परेशान न होना, हिम्मत से काम लेना

हालात भी कभी-कभी तुम्हारे ख़िलाफ़ रहेंगे।


ऊपर वाला हम सबको परखता है

आग में तपके ही सोना चमकता है

इतना आसान नहीं है सितारा बनना,

नाम उसी का होता है

जो परेशानी में भी आगे बढ़ता है।।


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