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Lata Joshi

Drama Inspirational

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Lata Joshi

Drama Inspirational

मेरी नन्ही बच्ची

मेरी नन्ही बच्ची

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मेरी नन्ही बच्ची

तेरे नाजुक गाल पर उभरे हुए

मेरे कठोर हाथ का निशान देख कर

मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ


मुझे माफ़ करना

मैं तेरी गुनहगार हूँ

पता नहीं क्यों


मैं तेरी उम्र और क्षमता के

विपरीत चाहती हूँ

कि तू जल्दी-जल्दी सीख जाए


क, ख, ग या वर्णमाला,

किताब और कविता और जान जाए


पुरूष अर्थात् सत्ता

नारी अर्थात् बेबसी

पायल अर्थात बेड़ी

चूड़ी अर्थात् हथकड़ी


तुझे यह भी पता चले

कि इन शब्दों के विपरीत अर्थ

किसने और क्यों बनाए हैं


पुरूष अर्थात् प्यार

नारी अर्थात् वफ़ा

पायल अर्थात् नृत्य

चूड़ी अर्थात् अदा


इसलिए मैं चाहती हूं कि

तू जल्दी जल्दी सीख जाए

क,ख,ग, वर्णमाला, किताब और कविता

और मुक्त कर सके शब्दों को


गलत अर्थों की कैद से

लड़ सके शब्दों के सही अर्थों के लिए

मेरी प्यारी बच्ची।।


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