Aishani Aishani

Abstract

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Aishani Aishani

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मेरी लेखनी में मेरी पूर्णता..!

मेरी लेखनी में मेरी पूर्णता..!

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और ... 

ज्यादा तो नहीं 

पर... 

इतना ही कहूँगी 

मेरी पूर्णता मेरी लेखनी से है, 

मुझे तुम्हारे 

अश्व प्रेम से क्या लेना, 

तुम हो ना 

उस बंधन को संभालने

और... 

निभाने को..! 

अरे हाँ.. 

जरा संभल के

जरा इनकी लगाम पर काबू रखना

चाबुक नहीं प्रेम और भाव से संभालना इनको

ये चाबुक नहीं 

प्रेम की भाषा बेहतर समझते हैं

यदि यकीन ना हो ना तो

थोड़ा पन्ने पलट लेना इतिहास के

मेवाड के गौरव वीर शिरोमणि

महाराणा प्रताप को पढ़ लेना

यदि वो ना हो सके तो

डाकू खड़ग और बाबा राम

या जो भी हो नाम (की कहानी) को याद करना

ये बेज़ुबाँ बेहतर समझते हैं 

प्रेम की भाषा को 

पर हाँ... 

मुझे माफ़ करना

मैं ख़ुश हूँ अपनी दुनिया में..!!


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