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Shashikant Shandile

Inspirational

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Shashikant Shandile

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मेरी आरजू-एक सकारात्मक क्रांति

मेरी आरजू-एक सकारात्मक क्रांति

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स्वच्छंद फिजाओं में खिलखिलाती हंसी हो

मानलो जिंदगी चाँद तारों में जा बसी हो

 

दरबदर भटकती कहानियाँ अब कहा रही

हो नया सवेरा, नई उड़ान न कोई बेबसी हो

 

एक पहल हो शुरू नये उजालों की ओर

वादियाँ ख़ुशनुमा जमीं पर हरियाली हो

 

ना हो कोई जातिभेद नाही कोई राजनीति

अपनेपन का जहां एक प्यारा सा समां हो

 

न ख़याल हो बुरे न परेशानी की लकीरें

अपनेपन की जमीं प्यार का आसमां हो

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शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर

मो.९९७५९९५४५०


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