मेरे शब्द
मेरे शब्द
जब दुनिया समेट रही होगी,
अपने अच्छे-बुरे कर्मों को,
मैं केवल अपने शब्द निहारूंगी।
तुम नफे-नुकसान का हिसाब लगाना,
मैं बेहतरीन में से बेहतरीन निकालूँगी।
जब दुनिया का अंत होगा,
बस एक लेखक के साथ ही
उसका सब रह जाएगा।
जब दुनिया समेट रही होगी,
अपने अच्छे-बुरे कर्मों को,
मैं केवल अपने शब्द निहारूंगी।
तुम नफे-नुकसान का हिसाब लगाना,
मैं बेहतरीन में से बेहतरीन निकालूँगी।
जब दुनिया का अंत होगा,
बस एक लेखक के साथ ही
उसका सब रह जाएगा।