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Manisha Jangu

Abstract

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Manisha Jangu

Abstract

मेरे शब्द

मेरे शब्द

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जब दुनिया समेट रही होगी,

अपने अच्छे-बुरे कर्मों को,

मैं केवल अपने शब्द निहारूंगी।

तुम नफे-नुकसान का हिसाब लगाना,

मैं बेहतरीन में से बेहतरीन निकालूँगी।

जब दुनिया का अंत होगा,

बस एक लेखक के साथ ही

उसका सब रह जाएगा।


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