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Antariksha Saha

Classics Fantasy

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Antariksha Saha

Classics Fantasy

मेरे लिए तू जहां

मेरे लिए तू जहां

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मेरे लिए तू जहान है

सच मे तुझे देखा तो दुनिया देख लिया

उत्तर मै हिम शीतल पर्वत हमारी रक्षा करता है।


पावन गंगा ब्रम्हपुत्र गोदावरी

जैसी नदियां बहती है तुझ्से

दक्षिण मे समुद्र तट पश्चिम मे मरुस्थल

तू मां है मेरी भारत मां


इस ज़मीन ने कितने शूरवीरों को जना है

किन का नाम लूँ और किसे चुनूं

तेरी रक्षा के हमेशा तत्पर है हम मां

तेरी तारीफ में क्या लिखूं मां

शब्द भावनाओं के आगे कम पढ़ते हैं।


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