मेरे जीवन का आधार है प्यार
मेरे जीवन का आधार है प्यार
मेरे जीवन का आधार है
प्यार
केंद्र बिंदु भी
सब कुछ घूमता है
उसके इर्द गिर्द
मेरी दिनचर्या
मेरी गतिविधियां
मेरे दिन रात
मेरा समय
मेरे पल
मेरे रिश्ते
मेरा तन
मेरा मन
हर अंग प्रत्यंग
मेरा दिल
उसकी धड़कने
मेरी सांसे
मेरी हवा में फैली हुई बाहें
मेरे गीत
उनकी लय
उनके बोल
उनकी धुन
मेरी सृष्टि
मेरी दृष्टि
मेरे नियम, कानून, दायरे
मेरी शोखी
मेरे अंदाज
मेरे नखरे
मेरे सपने
मेरे अपने
मेरे पराये
मेरा संपूर्ण जीवन
मेरे बीते हुए पल
मेरे आने वाले पल
मेरे अहसास
मेरे जज्बात
मेरी खुशी
मेरे गम
मेरे बदन की खुशबू
मेरे उपवन का हर रंग
मेरी सोच
मेरे वादे
मेरे इरादे
मेरे ख्यालात
मेरे हमसाये
मेरे हमराज
मेरी परछाइयां
मेरी रुसवाइयां
मेरी तनहाइयां
मेरी शहनाइयां
सब कुछ
सभी कुछ
प्यार की धुरी पर ही घूमते
हैं और
उसी से संचालित हैं
मेरा दिल प्यार का एक
असीम सागर है
इसकी गहराई नापना एक बेहद
मुश्किल काम है
जो व्यक्ति सच्चे दिल से
सबको प्यार करने वाला होता है
उसके आगे यह कायनात
यह संपूर्ण सृष्टि भी
नतमस्तक होती है
उसमें कहीं एक अंश
भगवान का वास होता है
वह सिर्फ देना जानता है
लेना कुछ नहीं चाहता
वह कभी अभाव में नहीं
जीता
कभी किसी दुनियावी चीज से
वंचित नहीं रहता क्योंकि
उसे उनका मोह ही नहीं रहता
कुछ मिले तो ठीक
न मिले तो कोई बात नहीं
वह संपूर्ण रूप से एक संतुष्ट प्राणी
होता है
वह बिना किसी भेदभाव के
संपूर्ण मानव जाति और
सृष्टि की हर एक वस्तु से
अत्यधिक प्यार करता है
यह प्यार ही है जिसके कारण
वह किसी को भी
उनसे भी ज्यादा अच्छे तरीके से
समझता है
वह प्यार से तृप्त रहता है
वह प्यार पाने का
इच्छुक नहीं होता
प्यार की भूख और प्यास
उसे नहीं सताती
वह कहीं न कहीं
प्रभु से जुड़ जाता है
उसकी भक्ति में लीन हो
जाता है
सांसारिक भौतिकतावाद की
दौड़ से हट जाता है
अपना पूरा जीवन
बस प्रभु के चरणों में
अर्पण कर देता है
सबको भरपूर प्यार करता
है
बिना यह शिकायत करे
या अपेक्षा करे कि
उसे भी बदले में उतना ही
प्यार मिलना चाहिए।
