Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

आकिब जावेद

Tragedy

5.0  

आकिब जावेद

Tragedy

मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया

मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया

1 min
418


मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया

जो तन्हा दिल छोड़ कर यूँ शहर गया।


मुहब्बत में सफर जारी रहा उम्र भर

यूँ सारी रातें अब तेरे बिन गुज़र गया।


जूठ,फरेब रहा सदा दिल में भरा उसके

देख दिल तोड़ के मेरा किस सफर गया।


यूँ तो वो भी बेवफ़ा सनम है फिर भी

देख तेरी याद में कोई हद से गुज़र गया।


रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे

देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया।


रफ़ू करेंगे बेबसी को,सको को बंया करेगे

वो सितमगर देके दर्द अब किस नगर गया।


अधूरी रही ख्वाहिश, वो अधूरी रही याद तेरी

करके अधूरा वो "आकिब" किस डगर गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy