मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया
मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया
मेरे दिल से अब वो सनम उतर गया
जो तन्हा दिल छोड़ कर यूँ शहर गया।
मुहब्बत में सफर जारी रहा उम्र भर
यूँ सारी रातें अब तेरे बिन गुज़र गया।
जूठ,फरेब रहा सदा दिल में भरा उसके
देख दिल तोड़ के मेरा किस सफर गया।
यूँ तो वो भी बेवफ़ा सनम है फिर भी
देख तेरी याद में कोई हद से गुज़र गया।
रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे
देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया।
रफ़ू करेंगे बेबसी को,सको को बंया करेगे
वो सितमगर देके दर्द अब किस नगर गया।
अधूरी रही ख्वाहिश, वो अधूरी रही याद तेरी
करके अधूरा वो "आकिब" किस डगर गया।